मुक्तक

Saturday, May 4, 2024

ज़रा तो तुम भी आपने दिल कि खिड़कियां खोलो,
मिरी  वफ़ा  से   कभी    अपनी  जफा  भी  तोलो,
ये  ज़रूरी  नहीं  हर   बार   पहल   मैं    ही   करूँ- 
कभी  तो  तुम  भी  मुस्कुराके  मुझसे  कुछ बोलो,