शक्ति वर्द्धक कुछ आयुर्वेदिक उपाय

Tuesday, September 16, 2014

ताकत बढाने के उपाय
पुष्टिवर्धक प्रयोग ********

1.जौ: जौ का पानी में भिगोकर, कूट के, छिलका रहित कर उसे दूध में खीर की भाँति पकाकर सेवन करने से शरीर हृष्ट-पुष्ट होता है और मोटापा कम होता है। 3 से 5 अंजीर को दूध में उबाल कर या अंजीर खाकर दूध पीने से शक्ति बढ़ती है।
2.रात्रि में एक गिलास पानी में एक नींबू निचोड़ कर उसमें दो किशमिश भिगो दें। सुबह पानी छानकर पी जायें एवं किशमिश चबाकर खा लें। यह एक अदभुत शक्तिदायक प्रयोग है।
3. केला: केले को सुबह खाने से उसकी कीमत ताँबे जैसी, दोपहर को खाने से चाँदी जैसी और शाम को खाने से सोने जैसी होती है। शारीरिक श्रम न करने वालों को केला नहीं खाना चाहिए। केला सुबह खाली पेट भी नहीं खाना चाहिए। भोजन के बाद दो केले खाने से पतला शरीर मोटा होने लगता है।
4. मिश्री : लगभग 3-3 ग्राम की मात्रा में सालम मिश्री, शतावर और सफेदी मूसली को लेकर बारीक पीस लें और छान लें। अब इस चूर्ण को 400 मिलीलीटर दूध में डालकर पकायें और 300 मिलीलीटर दूध रह जाने पर इसको उतारकर इस दूध में शक्कर मिलाकर सुबह और शाम सेवन करने से आदमी के शरीर में से आलस्य दूर हो जाता है और उसको पर्याप्त मात्रा में ताकत भी मिलती है। इसका सेवन लगातार 20 दिनों तक करना चाहिए।
5. बिनौला : लगभग 50 ग्राम की मात्रा में बिनौला को लेकर भून लें और कूटकर इसका चूर्ण बना लें। लगभग 50 ग्राम की मात्रा में सफेद मूसली को लेकर बिनौला के चूर्ण के साथ अच्छी तरह से पीसकर चूर्ण बनाकर रख लें। इसके बाद लगभग 3-3 ग्राम की मात्रा में सुबह और शाम इस चूर्ण को दूध के साथ सेवन करने से मनुष्य के शरीर में शक्ति का विकास होता है।
6. मालकांगनी : लगभग 250 ग्राम मालकांगनी को गाय के घी में भूनकर, इसमें 250 ग्राम शक्कर मिलाकर चूर्ण बना लें। अब इस चूर्ण को लगभग 6 ग्राम की मात्रा में गाय के दूध के साथ सुबह और शाम को खाने से मनुष्य के शरीर में ताकत का विकास होता है। इसका सेवन लगभग 40 दिनों तक करना चाहिए।
7. घी : लगभग 20 ग्राम घी को 30 ग्राम शहद के साथ मिलाकर भोजन करने के बाद खाने से मनुष्य की याददाश्त के साथ ही साथ उसके शरीर की ताकत भी बढ़ती है।
लगभग 250 ग्राम की मात्रा में शुद्ध देसी घी में बनी जलेबियों को लगभग 250 मिलीलीटर गाय के दूध के साथ रोजाना सुबह के समय लेने से मनुष्य की लम्बाई बढ़ती है। इसका सेवन लगातार 2 या 3 महीने तक करना चाहिए।
8. दालचीनी : दालचीनी को बारीक पीसकर इसका चूर्ण बना लें। शाम को इसके लगभग 2 ग्राम चूर्ण को 250 मिलीलीटर दूध में डालकर एक चम्मच शहद को मिलाकर पीने से शरीर की ताकत के साथ-साथ मनुष्य के वीर्य यानी धातु में भी वृद्धि होती है।
9. चना : लगभग 50 ग्राम की मात्रा में चने की दाल को लेकर 100 मिलीलीटर कच्चे दूध में भिगोकर रख दें। सुबह उठकर इस दाल में किशमिश और मिश्री मिलाकर अच्छी तरह से चबा कर खायें। इसका सेवन लगातार 40 दिनों तक करना चाहिए। इससे शरीर को ताकत मिलती है और मनुष्य का वीर्य और बल भी बढ़ता है।रात को सोते समय थोड़े से देसी चने लेकर पानी में भिगोकर रख दें। सुबह उठकर गुड़ के साथ इन चनों को रोजाना खूब-खूब चबाकर खाने से शरीर की लम्बाई बढ़ती है। चनों की मात्रा शरीर की पाचन शक्ति के अनुसार बढ़ानी चाहिए। इन चनों को दो या तीन महीने तक खाना चाहिए।
10. विदारीकन्द : लगभग 6 ग्राम की मात्रा में विदारीकन्द के चूर्ण को लगभग 10 ग्राम गाय के घी में और लगभग 20 ग्राम शहद में मिलाकर गाय के दूध के साथ लेने से शरीर में ताकत आती है। इसका सेवन लगातार 40 दिनों तक करना चाहिए।
11. तुलसी : एक निश्चित मात्रा में तुलसी के बीज या पत्तों को भूनकर इतनी ही मात्रा में इसमें गुड़ मिलाकर लगभग 1-1 ग्राम की गोलियां बनाकर सुबह और शाम को 1-1 गोली गाय के दूध के साथ लेने से शरीर में भरपूर ताकत आती है और व्यक्ति की मर्दानगी भी बढ़ती है।लगभग आधा ग्राम की मात्रा में तुलसी के पीसे हुए बीजों को सादे या कत्था लगे पान के साथ रोजाना सुबह और शाम खाली पेट खाने से मनुष्य के वीर्य, बल और खून में वृद्धि होती है।लगभग एक भाग तुलसी के बीजों के चूर्ण को दो भाग पुराने गुड़ में मिलाकर खाने से शरीर में ताकत आती है। इसका प्रयोग लगभग 14 दिनों अथवा 40 दिनों तक करना चाहिए और इसका सेवन केवल सर्दी के दिनों में ही करना चाहिए।
12. भिलावे : लगभग 25 ग्राम की मात्रा में छिलका उतारे और तेल निकाले हुए भिलावे को लेकर 2 या 3 घंटों तक कूटें और फिर इसके बाद लगभग 400 ग्राम की मात्रा में तिल का तेल लेकर भिलावे में 50-50 ग्राम की मात्रा में डालते जायें, और घोटते जायें। इसके बाद लगभग 1 घंटे बाद इसको निकाल लें। रोजाना इसे 2 ग्राम की मात्रा में सुबह दूध के साथ लेने से शरीर में भरपूर ताकत आती है।
13. जौ :आवश्यकता के अनुसार जौ को लेकर पानी में भिगोकर कूट लें और इनका छिलका उतार लें। अब लगभग 60 ग्राम की मात्रा में छिले हुए जौ को लगभग 500 मिलीलीटर दूध में डालकर इसकी खीर बनायें। 2 महीनों तक इसको लगातार खाने से पतला आदमी भी मोटा हो जाता है, और उसके शरीर में जबरदस्त ताकत आ जाती है। अगर इस खीर का प्रयोग प्रतिदिन न कर सकें तो हफ्ते में कम से कम 2 या 3 बार जरूर ही सेवन करें।उबाले हुए जौ का पानी रोजाना सुबह और शाम पीने से शरीर में खून बढ़ता है। जौ का पानी गर्मियों के दिनों में पीने से अधिक लाभ मिलता है।
14. केला : दिन में खाना-खाने के बाद 2 या 3 पके केले रोजाना नियमित रूप से खाने से शरीर में शक्ति, मांस और चर्बी बढ़ती है। इसका प्रयोग लगातार 2 महीने तक करने से शरीर सुंदर बन जाता है।
15. आंवला : लगभग 10 ग्राम की मात्रा में हरे आंवला को लगभग इतनी ही मात्रा में शहद में मिलाकर खाने से मनुष्य के वीर्य-बल में वृद्धि होती है। आंवलों के मौसम में इसका सेवन रोजाना सुबह के समय लगभग 1 से 2 महीने तक करना चाहिए।
बराबर मात्रा में आंवले का चूर्ण, गिलोय का रस, सफेद मूसली का चूर्ण, गोखरू का चूर्ण, तालमखाना का चूर्ण, अश्वगंध का चूर्ण, शतावरी का चूर्ण, कौंच के बीजों का चूर्ण और मिश्री का चूर्ण लेकर इनका मिश्रण बना लें। अब इस मिश्रण को रोजाना सुबह और शाम को लगभग 10 से 15 ग्राम की मात्रा में फांककर ऊपर से हल्का गर्म दूध पीने से मनुष्य के संभोग करने की शक्ति का विकास होता है। इसको लगातार 3 या 4 महीने तक फायदा होने तक खाना चाहिए।
16. किशमिश : सुबह के समय लगभग 25 से 30 किशमिश लेकर इनको गर्म पानी से धोकर साफ कर लें और कच्चे दूध में डाल दें। आधा या एक घंटे बाद उस दूध को गर्म करें। इसके बाद किशमिश को एक-एक करके खा लें और ऊपर से उसी दूध को पी लें। ऐसा करने से शरीर में खून बढ़ता है। इसके अलावा आवश्यकता से अधिक ठंड़ का अनुभव, पुरानी बीमारी, अधिक कमजोरी, जिगर की खराबी और बदहजमी दूर हो जाती है।
17. अंगूर : लगभग 25 मिलीलीटर की मात्रा में अंगूर का रस भोजन करने के आधे घंटे बाद पीने से शरीर में खून बढ़ता है। इसके अलावा इसका रस पीने से पेट फूलना, अफारा, दिल का दौरा पड़ना, चक्कर आना, सिरदर्द और भोजन न पचना आदि बीमारियां दूर हो जाती है। इसका सेवन लगभग 2 या 3 हफ्ते तक लगातार करना चाहिए। इसके अलावा इसका सेवन महिलाओं के लिए भी लाभकारी होता है। कमजोर बच्चों को भोजन के बाद अंगूर का रस पिलाना काफी लाभकारी सिद्ध होता है। अंगूर का रस बच्चों के चेहरे को लाल कर देता है।
18. पालक : शरीर में कमजोरी आने पर या खून की कमी होने पर लगभग 225 मिलीलीटर की मात्रा में रोजाना पालक का रस पीना चाहिए। इससे चेहरा एक दम गुलाब की तरह लाल हो जाता है। इसके अलावा इसका रस पीने से मानसिक तनाव और हाई ब्लडप्रेशर भी सामान्य रहता है।
19. टमाटर : टमाटर का रोजाना सेवन करने से खून शुद्ध रहता है, और खून में वृद्धि होती है। टमाटर खाने से आंखों के रोग, जिगर में किसी तरह की खराबी आने के कारण होने वाली सुस्ती, आंतों के कीड़ें और आमाशय की कमजोरी दूर होती है। टमाटर पाचन क्रिया को बढ़ाता है। पथरी वाले व्यक्ति को टमाटर नहीं खाना चाहिए।
20. सौंफ : सौंफ और मिश्री को बराबर मात्रा में लेकर चूर्ण बना लें। इस चूर्ण को सुबह-शाम भोजन के बाद दो चम्मच लेने से दिमाग तेज होता है। इसका सेवन लगातार एक या दो महीने तक करना चाहिए।
21. मालकांगनी :मालकांगनी के बीज, बच, देवदारू और अतीस आदि का मिश्रण बना लें। रोज सुबह-शाम इस मिश्रण को 1 चम्मच घी के साथ पीने से दिमाग तेज और फुर्तीला बनता है।
मालकांगनी के तेल की 5-10 बूंदे मक्खन के साथ सेवन करने से भी शरीर को लाभ मिलता है।
22. धनिया :शक्ति को ऊर्जा भी कहते हैं। यह ऊर्जा मनुष्य को भोजन से मिलती है। परन्तु धनिया इस ऊर्जा को और बढ़ा देता है। इसके लिए आपको खाना खाने के बाद दस दाने धनिया के मुंह में डालने होंगे। इन दानों को दाढ़ों से कुचलकर इसका रस कंठ (गले) के नीचे उतार लीजिए और दानों को थूक देते हैं। ठीक आधा घंटे बाद आप देखेंगे कि आपके शरीर में गर्मी बढ़ गई। यह गर्मी पसीना लाने वाली गर्मी नहीं होती बल्कि यह पाचनक्रिया को सही करने वाली गर्मी होती है क्योंकि जब पाचन क्रिया में वृद्धि होगी तब भोजन समय से तथा ठीक प्रकार से पच जाएगा। इसके बाद रक्त में जो ऊर्जा पैदा होती है वह पूरे शरीर में फुर्तीलापन लाती है।लगभग 3 ग्राम की मात्रा में साबुत सूखे धनिये को पीसकर चूर्ण बना लें। इस चूर्ण को ठंड़े पानी और मिश्री के साथ मिलाकर गर्मी के दिनों में पीने से पित्त के कारण होने वाले रोगों से छुटकारा मिल जाता है।
23. मौसमी : मौसमी का रस मस्तिष्क और जिगर को शक्ति तथा स्फूर्ति देता है। जटिल रोगों तथा बुखार में मौसमी का रस सेवन करने से रोगी कमजोर नहीं होता है। मौसमी को खाने से शरीर में से विषैले पदार्थ निकल जाते हैं। इसका नियमित रूप से सेवन करने से कब्ज, सिरदर्द, काम करने में मन न लगना, थोड़ा काम करने पर थक जाना, रात को नींद न आना आदि कष्ट दूर हो जाते हैं। मौसमी का रस दूध में मिलाकर छोटे बच्चों को पिलाना चाहिए।
24. मुनक्का : लगभग 60 ग्राम मुनक्का को धोकर भिगो दें। 12 घण्टे के बाद भीगे हुए मुनक्के खाने से पेट के रोग दूर होते है और शरीर में खून और वीर्य बढ़ जाता है। मुनक्का की मात्रा धीरे-धीरे बढ़ाकर 200 ग्राम तक सेवन करने से लाभ मिलता हैं।मुनक्का को गर्म पानी से धोकर रात को भिगो दें। प्रात: समय उसके पानी को पीलें तथा दानों को खालें। ऐसा रोजाना करने से शारीरिक कमजोरी दूर हो जाती हैं। खून और शक्ति उत्पन्न होती हैं। फेफड़ों को बल मिलता हैं।रात को सोने से पहले लगभग 10 या 12 मुनक्का को धोकर पानी में भिगो दें। इसके बाद सुबह उठकर मुनक्का के बीजों को निकालकर मुनक्का को अच्छी तरह से चबाकर खाने से शरीर में खून बढ़ता है। इसके अलावा मुनक्का खाने से खून साफ होता है और नाक से बहने वाला खून भी बन्द हो जाता है। मुनक्का का सेवन 2 या 4 हफ्ते तक करना चाहिए।
25. मूंग : मूंग के लड्डू खाने से भी शरीर में शक्ति बढ़ती हैं। मूंग को सेंककर आटा बना लें। आटे के बराबर घी लेकर, कड़ाही में धीमी आंच पर रखें और कलछी से हिलाते जाएं। जब आटा कुछ लाल हो जाए तब बीच-बीच में उसके ऊपर दूध छिड़कते जाएं। ऐसा करते-करते आटे की गांठे सी बन जाएं तब कड़ाही को चूल्हे से नीचे उतारकर उसमें शर्करा, बादाम, पिश्ते, इलायजी, लौंग और कालीमिर्च का चूर्ण डालकर लड्डू बना लें। मूंग के ये लड्डू शीतल, वीर्यवर्धक और वातशामक होते हैं।
साबुत मूंग को पानी मे उबालकर उस पानी को छान लें। फिर इस पानी में नमक और कालीमिर्च को स्वाद के अनुसार डालकर थोड़ी सी हींग भी डाल लें। यह पानी ऐसे रोगी जिन्हे रोग के कारण अन्न देना मना हो देना काफी लाभकारी रहता है।
26. गाजर : गाजर में विटामिन `ई´ पर्याप्त मात्रा में होता है। इस कारण यह पुरुषों के लिए शक्तिवर्द्धक टानिक का काम करती है।लगभग 250 ग्राम कच्ची गाजर खाने से और उसके ऊपर से लगभग 1 लीटर पानी पीने से ‘शरीर में शक्ति बढ़ती है और शरीर मजबूत होता है।गाजर, पीपर, आंवला, चौलाई, इमली, सेब, मूली के पत्ते और संतरा खाने से शरीर में खून की वृद्धि होती है।लगभग 125 मिलीलीटर की मात्रा में गाजर का रस रोजाना सुबह और शाम पीने से शरीर में होने वाले फोड़े-फुन्सियां ठीक हो जाते है। इसके अलावा शरीर का खून भी साफ हो जाता है और शरीर का वजन बढ़ जाता है।इसका सेवन लगातार लगभग 15 या 20 दिनों तक करना चाहिए।
27. मेथी : मेथी में कोलाइन तत्त्व होता है, जो विचार शक्ति को बढ़ाता है। इसमें एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं जो शरीर में रोग-प्रतिरोधक (रोग-निरोधक) क्षमता को बढ़ाते हैं। 2 चम्मच दाना मेथी को एक गिलास पानी में 5 घंटे तक भिगोयें और फिर इतना उबाल लें कि चौथाई मात्रा में रह जाये। इसे छानकर इसमें 2 चम्मच शहद को मिलाकर एक बार रोजाना पियें। मेथी में लोहा होता है जो शक्ति देता है, खून बढ़ाता है। मेथी के पत्तों की सब्जी खानी चाहिए।100 ग्राम दाना मेथी को घी में भूनकर मोटा-मोटा पीसकर चूर्ण बना लें। इस चूर्ण को 1-1 चम्मच की मात्रा में दिन में 3 बार पानी से फंकी के रूप में लें। इसको लेने से शारीरिक कमजोरी दूर होती है और वीर्य पुष्ट होता है।1.1 किलो दाना मेथी और गेहूं को एक साथ मिलाकर पीस लें। फिर इसको रोजाना 2 चम्मच के रूप में लगातार 2 महीने तक सुबह और शाम दूध के साथ फंकी के रूप में लेने से शरीर मजबूत होता है। रोजाना 2 बार 1 चम्मच दाना मेथी की फंकी पानी से लेने से स्नायविक दौर्बल्य, कमजोरी और सूखा रोग दूर हो जाता है।
28. संतरा : 1 गिलास संतरे का रस रोजाना दो बार कुछ सप्ताह तक पीते रहने से शरीर में ताकत आ जाती है। जो बच्चे बोतल से दूध पीते हैं कमजोर होते है, उनके लिए संतरे का रस बहुत लाभदायक होता है।
29. सफेद पेठा : भोजन करने के बाद पेठे की मिठाई खाने से शरीर मजबूत और ताकतवर बनता है। पित्त विकार में 2-2 पेठे के टुकड़े रोजाना खाने से लाभ होता है।
30. पुनर्नवा : पुनर्नवा को दूध के साथ खाने से शरीर मजबूत और ताकतवर बनता है।
31. नींबू : एक गिलास गर्म पानी में एक नींबू को निचोड़कर पीते रहने से शरीर के अंग-अंग में नई शक्ति महसूस होती है, आंखों की रोशनी बढ़ती है, मानसिक कमजोरी, सिर में दर्द और पुट्ठों में झटके लगना बन्द हो जाते हैं। अधिक मेहनत के कारण आई कमजोरी में इस पानी में बिना नमक या चीनी को मिलाकर घूंट-घूंट करके पीने से शरीर में कमजोरी नहीं रहती हैं। ध्यान रहें कि पथरी के रोगी को नींबू नहीं देना चाहिए।
32. फालसा : पके फालसे का सेवन करने से शरीर मजबूत और ताकतवर बनता है। यह हृदय रोग और रक्तपित्त या खूनी पित्त में भी काफी हितकारी होता है।
33. पपीता : बच्चों को रोजाना पपीता खिलाने से उनकी लम्बाई बढ़ती है और शरीर मजबूत तथा सेहत सही बनी रहती है।
34. नारियल : सर्दियों के मौसम में रोजाना सुबह-सुबह खोपरा और गुड़ को मिलाकर चबा-चबाकर खाने से
युवक-युवतियो या बच्चों के शरीर में वृद्धि होती हैं।
35. पानी : सुबह मुंह साफ करके ठंड़ा पानी पीने से शरीर में स्फूर्ति (ताजगी) आती है।
36. पापड़ : जो लोग किसी बीमारी से ठीक होकर उठे हों और उनकी पाचनशक्ति (भोजन पचाने की शक्ति) कमजोर हो गई हो तो भोजन के साथ पापड़ खाने से पाचनशक्ति तेज होती है और शरीर मे खून भी बढ़ता है।
37. अर्जुन : अर्जुन बलकारक है तथा अपने लवण-खनिजों के कारण हृदय की मांसपेशियों को सशक्त बनाता है। दूध तथा गुड़, चीनी आदि के साथ जो अर्जुन की छाल का पाउडर नियमित रूप से लेता है, उसे हृदय रोग, जीर्ण ज्वर, रक्त-पित्त कभी नहीं सताते और वह चिरजीवी होता है।
38. 40 ग्राम किशमिश, 6 मुन्नका, 6 बादाम और 6 पिस्ते को रात को सोते समय आधा किलो पानी में डालकर कांच के बर्तन में भिगो दें। सुबह उठकर इसे पीसकर, छान लें और इसमें 1 चम्मच ‘शहद और 1 नींबू निचोड़कर खाली पेट पी लें। इससे मानसिक व शारीरिक कमजोरी, थकान दूर होती है।
39. दूध व चावल की खीरः यह सर्वप्रिय, शीतल, पित्तशामक, मेदवर्धक, शक्तिदायक, वातपित्त, रक्तपित्त, अग्निमांद्य व अरूचि का नाश करने वाला सात्त्विक आहार है। यह शरद ऋतु में विशेष लाभकारी है।
विधिः प्रति व्यक्ति एक के हिसाब से काली मिर्च डालकर चावल को पहले पका लें। फिर उसमें दूध, मिश्री व डालनी हो तो इलायची डालकर एक उबाल आने पर उतार लें और ढक के रख दें। रात को खीर बनानी हो तो काली मिर्च न डालें।
40. बथुआ : बथुआ को साग के रूप में इस्तेमाल करना चाहिए। पत्तों के साग में बथुआ का साग सबसे अधिक फायदेमन्द और सेहतमन्द होता है। इसका सेवन निरन्तर रूप से करने से मनुष्य की मर्दानगी बढ़ती है, खून में वृद्धि होती है, याद्दाश्त मजबूत होती है, आमाशय मजबूत होता है, पथरी से बचाव होता है, कब्ज और पेट में होने वाली जलन से छुटकारा मिल जाता है। हरे बथुए का सेवन अधिक लाभकारी होता है। अगर हरा बथुआ न मिले तो इसे सूखाकर रोटी में मिलाकर खाने से बहुत लाभ मिलता है

आयुर्वेद और हृदय रोग

Monday, June 16, 2014

ये याद रखिये की भारत मैं सबसे ज्यादा मौते cholestrol बढ़ने के कारण heart attack से होती हें। आप खुद अपने ही घर मैं ऐसे बहुत से लोगो को जानते होंगे जिनका वजन व cholestrol बढ़ा हुआ हे। अमेरिका की कई बड़ी बड़ी कंपनिया भारत मैं दिल के रोगियों (heart patients) को अरबो की दवाई बेंच रही है! भगवान् न करे आपको कभी cholestrol व BP हो  या heart attack आये। लेकिन अगर आपको कोई तकलीफ हुई तो डॉक्टर कहेगा angioplasty करवाओ। इस ऑपरेशन मे डॉक्टर दिल की नाली में एक spring डालते है जिसे stent कहते हैं। यह stent अमेरिका में बनता हे और इसका cost of production सिर्फ 3 डॉलर (Rs150-180) हे। इसी stent को भारत मे लाकर 3-5 लाख रूपए मे बेचा जाता हे व आपको लूटा जाता है। डॉक्टर को लाखों रूपए का commission मिलता हे इसलिए व आपसे बार बार कहता हे कि  angioplasty करवाओ।             

Cholestrol, BP व heart attack का एक बहुत ही साधारण आयुर्वेदिक इलाज उप्लब्ध हे जिससे लाखो लोगो की बीमारिया दूर हो रही हें। लेकिन पहले आप एक बात जान लीजिये।  Angioplasty ऑपरेशन कभी किसी का सफल नहीं होता क्यूँकी डॉक्टर जो spring दिल की नाली मे डालता हे वह बिलकुल pen की spring तरह होता हें। कुछ ही महीनो में उस spring की दोनों साइड आगे व पीछे blockage   (cholestrol व fat) जमा होना शुरू हो जाता हे और फिर आता हे आपको दूसरा heart attack. डॉक्टर कहता हें फिर से angioplasty करवाओ। आपके लाखो रूपए लुटता हे और आपकी जिंदगी इसी में निकल जाती हैं। अब पढ़िए उसका आयुर्वेदिक इलाज।

अदरक (ginger juice) - यह खून को पतला करता हे वह दर्द को प्राकर्तिक तरीके से 90% तक कम करता हें।
लहसुन (garlic juice) - इसमें मौजूद allicin तत्व cholesterol व BP को कम करता है वह हार्ट ब्लॉकेज को खोलता हे।
नींबू (lemon juice) - इसमें मौजूद antioxidants, vitamin C वह potassium खून को साफ़ करते हैं व रोग प्रतिरोधक क्षमता (immunity) बढ़ाते हैं।
एप्पल साइडर सिरका ( apple cider vinegar) - इसमें 90 प्रकार के तत्व हैं जो शरीर की सारी नसों को खोलते है, पेट साफ़ करते हे वह थकान को मिटते हें।

आयुर्वेदिक प्रकिया के अनुसार इस मिश्रण को उबालकर एक तिहाई किया जाता है जिसके बाद इसमें शहद मिलाया जाता हें। शहद में 5000 enzymes व 23 प्रकार के minerals होते हैं जो शरीर को लचीला बनाते हे।
लेकिन इस दवाई को घर पर बनाना बहुत मुश्किल हें। कभी घर पर लहसुन का जूस निकालकर देखिये। पर राजस्थान के udaipur जिले के एक सज्जन कई सालों से इसे बना रहे हैं वह हज़ारों लोगो का इलाज कर रहे हें। इसी मिश्रण से कई रोगियों के asthma, allergy, BP, cholestrol, heart blockage, जोडो का दर्द, arthritis, सर्दी खासी, acidity व gas का प्राकर्तिक तरीके से इलाज हुआ व कई मरीजो ने 2 महीनो मे ही 4-5 kilo वजन कम किया। इस दवाई से कुछ महीने में ही आपकी सारी नसे खुल जाएगी। ये याद रखे की आजकल की दिनचर्या के अनुसार 30-35 की उम्र के बाद सभी को ब्लॉकेज होना शुरू हो जाता हे। पर लोगो को खुद अपने blockage की जानकारी न होने कारण heart attack की नौबत आती हैं।
इस दवाई के बारे में अधिक जानकरी इसकी website www.herbaldaily.in पर ले सकते हे व इसे बनाने वाले सज्जन से 08764021693 पर बात भी कर सकते हे। इसे लेने से आपको कभी ऑपरेशन की ज़रूरत नहीं पड़ेगी। घर में ही हमारे भारत के आयुर्वेद से इसका इलाज हो जाएगा।