जिसने दिखाई राहें अहसान उन सभी का,
जो नेह की निगाहें अहसान उन सभी का,
माता पिता व गुरुजन, सीखा है जिनसे उनकी
फैली हुई जो बाहें अहसान उन सभी का,
गुरु पूर्णिमा विशेष
Monday, July 3, 2023
Posted by
Kavi Dr. Vishnu Saxena
at
2:02 AM
0
comments
Email This
BlogThis!
Share to X
Share to Facebook
दो जून
Thursday, June 1, 2023
ना ज़रूरत हमें सूत की, ऊन की,
क्रीम, पाउडर लिपिस्टिक न दातून की,
हमको खैरात बिलकुल नहीं चाहिए
रोटियां श्रम से मिल जाएं "दो जून" की।
#vishnusaxena #विष्णुलोक #मुहब्बत_जिंदाबाद #दो_जून_की_रोटी #june #रोटी
Posted by
Kavi Dr. Vishnu Saxena
at
9:58 PM
0
comments
Email This
BlogThis!
Share to X
Share to Facebook
Labels:
मुक्तक
खुद से बात करो
Thursday, May 25, 2023
मिलें जो गम तो मुस्करा के मुलाकात करो,
खिलेंगे फूल ज़रा प्यार की बरसात करो,
उसी से बात करो जिसमें कमी दिखती है-
कमी हर एक में दिखे तो खुद से बात करो
Posted by
Kavi Dr. Vishnu Saxena
at
10:45 PM
0
comments
Email This
BlogThis!
Share to X
Share to Facebook
Labels:
मुक्तक
शेर
Tuesday, May 23, 2023
छुएंगे आसमान फिर से वही हम दोनों,
अभी जो हादसा हुआ है भुलाना होगा।
- विष्णु सक्सेना
आइए आज मधुबनी में
#मधुबनी #vishnusaxena #मुहब्बत_जिंदाबाद #विष्णुलोक
Posted by
Kavi Dr. Vishnu Saxena
at
7:45 PM
0
comments
Email This
BlogThis!
Share to X
Share to Facebook
Labels:
शेर
जला लूं तो
Friday, May 19, 2023
तुम्हारे मन के मंदिर में अगर दीपक जला लूँ तो,
तुम्हारी आरती के सुर में अपना सुर मिला लूँ तो,
तुम्हारे सब्र का सावन भी झूमेगा फुहारों में-
उसे मैं दिल के झूले में करीने से झुला लूँ तो।
#drvishnusaxena #vishnusaxena #विष्णुलोक #मुहब्बत_ज़िंदाबाद
Posted by
Kavi Dr. Vishnu Saxena
at
8:24 PM
0
comments
Email This
BlogThis!
Share to X
Share to Facebook
Labels:
मुक्तक
गलतियां गिनाऊंगा
Wednesday, May 17, 2023
ग़मो की शाख पर मैं कैसे गुल खिलाऊंगा,
हो साज बेसुरा तो गीत कैसे गाऊंगा,
सुधार लूँ मैं पहले खामियां ज़रा अपनी-
तभी तो आपकी मैं गलतियां गिनाऊंगा,
#vishnusaxena #मुहब्बत_जिंदाबाद #विष्णुलोक
Posted by
Kavi Dr. Vishnu Saxena
at
8:16 PM
0
comments
Email This
BlogThis!
Share to X
Share to Facebook
Labels:
मुक्तक
प्यासी नजर से मुझको
Monday, May 15, 2023
यूँ तो कुछ भी नही होता है ज़हर से मुझको,
कोई भी खौफ न, कैसे भी कहर से मुझको,
नदी के पास अगर जाऊं तो डर जाता हूं-
देखती है वो बहुत प्यासी नज़र से मुझको।
(आज बदायूं में..)
#budayun #vishnusaxena #मुहब्बत_जिंदाबाद
Posted by
Kavi Dr. Vishnu Saxena
at
8:08 PM
0
comments
Email This
BlogThis!
Share to X
Share to Facebook
Labels:
मुक्तक
चुनाव परिणाम
Friday, May 12, 2023
ग्रह सितारों का जब जब हुआ मेल है,
पटरियों के बिना दौड़ती रेल है,
कर्म करते समय फल की मत सोचिए-
हार और जीत सब भाग्य का खेल है।
#drvishnusaxena #विष्णुलोक #Result2023
Posted by
Kavi Dr. Vishnu Saxena
at
11:17 PM
0
comments
Email This
BlogThis!
Share to X
Share to Facebook
Labels:
मुक्तक
Subscribe to:
Posts (Atom)